गौरेला पेंड्रा मरवाही: अब जीपीएम कलेक्टर की तानाशाही , ज्ञापन देने गए छत्तीसगढ़ के अत्यंत पिछड़े भरिया (आदिवासी)समाज के 13 लोगो को भेजा जेल , नेतागण मौन..
जीपीएम कलेक्टर की तानाशाही , आदिवासियों पर अत्याचार.. न्याय की गुहार लगाने गए 13 ग्रामीणों को भेजा गया जेल
गौरेला पेंड्रा मरवाही: ब्यूरोक्रेसी को जनता का सेवक कहा जाता है।लेकिन अगर ब्यूरोक्रेसी ही जनता को आतंकित करने लगे तो फिर जनता कहा जाएगी और खासकर तब जब बात आदिवासियों की हो। सामान्यतः जब नेताओ व पत्रकारो के माध्यम से कोई बात नही बनती तो लोग सीधे प्रशासन की मदद लेने की बात करते हैं पर यदि प्रशासन ही निरकुंश होकर अपनी दादागिरी दिखाने लग जाए तो फिर आम जनता किसके पास जाए।ऐसा ही आदिवासियों के साथ प्रशासन की दादागिरी का एक मामला प्रकाश में आया है
गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले में, जानकारी के अनुसार घटना दिनांक 1 मार्च महाशिवरात्रि के दिन की है।जहां पेंड्रा जनपद अंतर्गत ग्राम बचरवार के भरिया समाज का एक व्यक्ति पेण्ड्रा के चौरासी बांध में एक दिन पहले डूब गया था और स्थानीय प्रशासन अपने स्तर पर उसकी खोज बीन भी कर ही रही थी किंतु परिजनों व समाज के प्रमुख लोगो मे में इस बात को लेकर असन्तोष था कि 24 घण्टे बीत जाने पर भी प्रशासन उस व्यक्ति को नही ढूंढ पा रही है। इसी बात को लेकर उस भरिया आदिवासी समाज के मृत व्यक्ति के परिजन अपने समाज प्रमुखों के साथ कलेक्टर गौरेला पेण्ड्रा मरवाही से मिलने उनके कार्यालय चल दिए। लेकिन महाशिवरात्रि के दिन छुट्टी होने के कारण कलेक्टर का कार्यालय बंद था।जिसके चलते उक्त भरिया समाज के लगभग 15 लोग कलेक्टर के निज निवास में उनसे मिलने चल दिये और उन समाज प्रमुखों द्वारा काफी देर तक प्रतीक्षा करने के बाद भी जब कलेक्टर महोदया नही निकली तो आदिवासी समाज के प्रमुखों ने “भारत माता की जय” के नारे लगाने शुरू कर दिए।इनके नारो व शोरगुल को सुनकर गुस्साई कलेक्टर ने भरिया समाज के लगभग 13 लोगो को पुलिस बुलाकर थाने में बैठवा दी।यही नही थाने में बैठवाने के बाद उसी दिन देर शाम को ही उन् सभी को107 , 116 ,151लगाकर जेल भी भेज दिया गया। अब प्रश्न यह है कि आदिवासियो की हितैषी भूपेश बघेल सरकार में जिले के प्रमुख नुमाइंदे ही भरिया जैसे अति पिछड़े आदिवासियों के साथ इस तरह का व्यवहार करेंगे तो फिर आदिवासियों की हितों की रक्षा तो भगवान भरोसे ही है।वही आदिवासियों के बारे में बड़ी बड़ी बातें करने वाले गौरेला पेण्ड्रा मरवाही के स्थानीय आदिवासी नेताओं का भी इस विषय मे मुह बंद क्यो है? समझ से परे है।
दया वाकरे अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज
हमारे आदिवासि भाईयो के साथ गलत हुआ है , भारत माता की जय बोलना गलत नही है , एक कलेक्टर द्वारा न्याय की मांग करने वालो को जेल भेज देना अनुचित है , कल सभी पीड़ितों के साथ जिला डीएम से मिलकर बात की जाएगी , जरूरत पड़ने उचित जांच हेतु राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा ,
छोटे लाल सोनवानी बचरवार पूर्व सरपंच
बांध में डूबे व्यक्ति मामले में स्थानिया प्रशासन से सहयोग न मिलने पर कलेक्टर से मिलकर न्याय की मांग करने गए थे , गए हुए कुछ ग्रामीणों द्वारा भारत माता की जय बोला गया था ,जिससे डीएम भड़क उठी और ज्ञापन देने गए सभी 13 लोगो को बिना किसी कारण के जेल भेज दिया हुआ,, गरीब आदिवासियों पर अत्याचार किया गया , जो की अनुचित है जल्द ही राज्य सरकार से मिलकर उचित जांच कर कार्यवाही की मांग की जायेगी !