Saturday, April 19, 2025
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गौरेला पेंड्रा मरवाही : भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा पार करता वनपरिक्षेत्र मरवाही , खुद को भगवान समझ बैठे डीएफओ…

गौरेला पेंड्रा मरवाही : भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा पार करता वनपरिक्षेत्र मरवाही , भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी

गौरेला पेंड्रा मरवाही : छत्तीसगढ़ के गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिला और वन वृत्त बिलासपुर का वन मंडल मरवाही लम्बे समय से भ्रष्टाचार का अभेद किला बना हुआ है। भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी से प्राप्त संरक्षण के चलते यहां दोनों हाथों से सरकारी खजाने को लूटने का खेल बड़ी दिलेरी से होता है। इन दिनों भी प्रभारी वनमंडल अधिकारी संजय त्रिपाठी नियम प्रक्रिया के विपरीत लगे हुए है ..

ताजा मामला मरवाही के रूमगा गांव के नज़दीक तालाब निर्माण का है. ग्राम पंचायत रुमगा में जंगली जानवरों के पानी पीने, उनके संवर्धन के लिए जंगल में वन विभाग ने कैंपा मद से एक तालाब का निर्माण कराया गया था, किंतु तालाब निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है ग्रामीणों की माने तो तालाब निर्माण की राशि करीब 40 लाख के आसपास थी किंतु तालाब निर्माण में आधे से अधिक राशि का गबन किया गया है ,तालाब की वर्तमान स्थिति भी इन बातो को सही साबित कर रही है , जब इस संबंध में मरवाही रेंजर ने संपर्क करने पर बताया गया की कैंपा मद से तालाब का निर्माण करवाया गया है ,एवम स्वीकृत राशि के बारे में अभी नही बता पाऊंगा किया गया

मरवाही वन मंडल अधिकारी संजय त्रिपाठी

तालाब निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की पूरी जानकारी लेने जब मीडिया की टीम डीएफओ कार्यालय पहुंची तो डीएफओ द्वारा अपने कर्मचारी के माध्यम से बोला गया की बता दीजिए मैं नही मिल सकता मेरे पास टाइम नही है .. यहां यह बोलना गलत नही होगा की कही न कही डीएफओ खुद को भगवान समझ कर बैठे है ,क्युकी जन कल्याणकारी योजनाओं में किए गए भ्रष्टाचार की जानकारी लेने आई मीडिया के टीम से मिलने का उनके पास टाइम नही है तो आम जनता से डीएफओ का क्या व्यवहार होगा , समझा जा सकता है ..!

प्रभारी डीएफओ संजय त्रिपाठी ,जिले में ही रेंजर से डीएफओ की कहानी

मरवाही वनमंडल में प्रभारी डीएफओ संजय त्रिपाठी पिछले 8 साल से पदस्थ हैं। रेंजर के पद पर काम करते हुए उन्हें सन 2020 में प्रमोशन देकर एस डी ओ बनाया गया। जानकारी के मुताबिक मरवाही वन मंडल में पदस्थ रहे एक वरिष्ठ अधिकारी को दरकिनार कर संजय त्रिपाठी को डीएफ ओ का प्रभार दिया गया है। प्रभार मिलते ही त्रिपाठी महाशय ने पूर्व डी एफ ओ द्वारा अनियमितता के कारण रोक दिए गए बिल का भुगतान कर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए थे। कांग्रेस नेताओं ने संजय त्रिपाठी की कारगुजारियों की विभागीय अधिकारियों सहित वन मंत्री से शिकायत की। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में अनुसूचित जाति वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रदेश कांग्रेस की सचिव एवं महिला कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष सुश्री नैन अजगले ने राज्य के मुख्य सचिव, वन विभाग के प्रमुख सचिव और अनुसूचित आयोग के अध्यक्ष को भी पत्र लिखकर न्याय करने की मांग की थी। वन मंत्री को भी पत्र लिखा गया था, किंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे प्रभारी अधिकारी का हौसला बुलन्द होता चला गया।